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डेली करेंट अफेयर्स 2022

09 Mar, 2022

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में जारी यूएन एमिशन गैप रिपोर्ट, 2020 के अनुसार भारत अपनी मौजूदा नीतियों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर हरित उर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है। इसके अनुसार भारत की प्रगति अगर ऐसी ही रही तो वह 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य की प्राप्ति कर लेगा।
  • हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आइएमएफ ने भी भारत द्वारा किए जा रहे गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता में निवेश को एकदम सही दिशा में किया जा रहा प्रयास बताया है।

मुख्य विंदु

  • यह वर्ष देश में पर्यावरण संरक्षण की प्रतिबद्धता को गति देने वाला वर्ष होगा क्योंकि कुछ माह पहले ही भारत ने काप-26 जलवायु सम्मेलन में कार्बन उत्सर्जन कम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
  • पर्यावरण संरक्षण समय के साथ भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व के लिए एक अनिवार्यता बनता जा रहा है। भारत सरकार की तरफ से भी इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
  • नवीन ऊर्जा स्रोतों के साथ वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए नई योजनाएं लागू की जा रही हैं। यह योजनाएं धीरे-धीरे अब अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही हैं।
  • जैसा कि हम जानते हैं, अगली सदी तक पृथ्वी के तापमान को डेढ़ डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं बढ़ने देने के लिए ग्लास्गो में काप-26 सम्मेलन में भारत ने विशेष पहल की थी।
  • प्रधानमंत्री ने देश की गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता को वर्ष 2030 तक बढ़ाकर 500 गीगावाट तक करने का लक्ष्य रखा है। इसके अनुसार अब देश की 50 प्रतिशत बिजली आवश्यकताओं को नवीकरणीय ऊर्जा क्षमताओं से पूरा किया जाएगा।
  • वर्तमान समय से 2030 तक कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कमी का लक्ष्य रखा गया है। इससे कार्बन तीव्रता 45 प्रतिशत तक कम होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
  • इस वर्ष देश में फ्लेक्स ईंधन वाले इंजन का प्रयोग भी शुरू हो सकता है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री के अनुसार आने वाले दिनों में फ्लेक्स-ईंधन इंजन अनिवार्य कर दिए जाएंगे।
  • फ्लेक्स-ईंधन से आशय फ्लेक्सिबल ईधन से है। यह ईंधन, पेट्रोल, मेथनाल या एथनाल को मिलाकर बनाया गया एक वैकल्पिक ईंधन है। फ्लेक्स इंजन में एक या एक से अधिक ईंधन का प्रयोग किया जा सकता है।
  • उन्होंने वाहन निर्माता कंपनियों किर्लोस्कर और टोयोटा के अधिकारियों के साथ बीते वर्ष एक महत्वपूर्ण बैठक की। किर्लोस्कर और टोयोटा ने फ्लेक्स इंजन वाली कारें तैयार की हैं। यह इंजन यूरो-6 मानकों पर बनाया गया है। भारत में यूरो-6 के समकक्ष बीएस-6मानक का इंजन प्रयोग होता है।
  • इससे किसानों को भी लाभ होगा क्योंकि एथनाल बनाने में प्रमुख रूप से गन्ने का प्रयोग होता है। यदि यह तकनीक सफल रही तो सभी मौजूदा पेट्रोल पंप एथनाल पंप में बदले जा सकेंगे। वर्तमान में पुणे में तीन एथनाल पंप काम भी कर रहे हैं।

सौर ऊर्जा में नवोन्मेष और अनुसंधान

  • पर्यावरण संरक्षण के लिए जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा जरूरतों को कम करने की दिशा में कार्य इस वर्ष तीब्रता से करने पर जोर रहेगा। केंद्रीय नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार आने वाले समय में राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है।
  • इस संस्थान के माध्यम से नवोन्मेष, शोध-अनुसंधान और ऊर्जा की नई तकनीक पर भविष्य में त्वरित गति से काम किया जाएगा। अभी सौर ऊर्जा आधारित जल एटीएम, ड्रायर, दोनों तरफ प्रयोग वाले वर्टिकल सोलर पैनल आदि का विकाश किया गया है।

ई-वाहनों को भी मिलेगी गति

  • ई-वाहनों के अधिकाधिक प्रयोग के लिए लोगों को जागरूक करने की तैयारी है। काप-26 में भारत ने ई-अमृत पोर्टल की शुरुआत की। इससे नागरिक ई- वाहनों से संबंधित जिज्ञासाओं का समाधान पा सकते हैं।
  • पर्यावरण संरक्षण पर भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच एक संयुक्त कार्ययोजना बनी है जो 2030 तक जारी रहेगी। इस पर दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने हस्ताक्षर भी किया है।

हरित ऊर्जा में लक्ष्य की प्राप्ति

  • केंद्रीय नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, भारत ने बीते दिसंबर में गैर जीवाश्म आधारित ऊर्जा उत्पादन में राष्ट्रीय प्रतिबद्ध योगदान के लक्ष्य की प्राप्ति कर ली है। वर्तमान समय में देश में 157.32 गीगावाट हरित ऊर्जा के उत्पादन की क्षमता हासिल हो चुकी है।
  • काप-21 में हरित ऊर्जा के लिए लक्ष्य तय किए गए थे। पवन ऊर्जा में भारत का विश्व में चौथा स्थान है। 2020-21 में देश में 60 बिलियन यूनिट से अधिक पवन ऊर्जा का उत्पादन किया गया।

'पीएम कुसुम योजना को प्रोत्साहन

  • सौर ऊर्जा का लाभ किसानों को देने के लिए पीएम किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) योजना चल रही है।इसके तहत किसानों को वित्तीय सहायता दी जा रही है।
  • कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा का प्रयोग बढ़ाने में किसानों ने वित्तीय सहायता में रुचि दिखाई है। आने वाले समय में यह सौर ऊर्जा के साथ किसानों की आय बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध हो सकता है।

अब तक की प्रगति

  • अभी तक देश में 7.79लाख ई-वाहन पंजीकृत कराए जा चुके हैं। 25 से भी अधिक राज्य ई-वाहन नीति या तो बना चुके हैं या आरंभ कर चुके हैं। साथ ही 1,800 चार्जिग स्टेशन अब तक स्थापित किए जा चुके हैं।
  • भारत में ई-वाहन निर्माताओं की संख्या 380 हो चुकी है। 2015 से 2020 तक ई-वाहनों की खरीद में 133% की वृद्धि हुई है।
Pravin Baraiya

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