General Science

भोजन

29 Jan, 2022

विभिन्न खाद्य पदार्थ

खाद्य सामग्री एवं उनके स्रोत

  • पौधे विभिन्न खाद्य संघटकों जैसे कि अन्न, सब्जी तथा फल इत्यादि के स्रोत हैं। जंतुओं से हमें दूध, मांस, अंडे तथा अन्य जांतव उत्पाद प्राप्त होते हैं।
  • गाय, बकरी तथा भैंस दूध देने वाले कुछ सामान्य पशु हैं। दूध एवं विभिन्न दुग्ध उत्पाद जैसे कि मक्खन, क्रीम, घी, पनीर और दही का उपयोग संसार के प्रत्येक क्षेत्र में किया जाता है।

भोजन के रूप में पौधे के भाग और जंतु-उत्पाद

  • पौधे हमारे भोजन का एक मुख्य स्रोत हैं। हम पत्तियों वाली अनेक सब्जियाँ खाते हैं। कुछ पौधे के फलों को भोजन के रूप में खाते हैं। कभी हम जड़, कभी तना तो कभी पुष्प भी भोजन के रूप में खाते हैं।
  • कुछ पौधों के दो या दो से अधिक भाग खाने योग्य होते हैं। उदाहरण के लिए सरसों के बीज से हमें तेल प्राप्त होता है एवं इसकी पत्तियों का उपयोग साग बनाने के लिए किया जाता है।
  • मधुमक्खियाँ फूलों से मकरंद (मीठे रस) एकत्रित करती हैं और इसे अपने छत्ते में भंडारित करती हैं। फूल और उनका मकरंद, वर्ष के केवल कुछ समय में ही उपलब्ध होते हैं।
  • अतः मधुमक्खियाँ इस मकरंद का भंडारण कर लेती हैं ताकि पूरे वर्ष इसका उपयोग किया जा सके। ऐसे छत्तों में मधुमक्खियों द्वारा भंडारित भोजन का शहद के रूप में उपयोग करते हैं।
  • जंतुओं को तीन वर्गों में विभाजित किया जाता है। पहले वर्ग में केवल जंतु जो केवल पौधे और पादप-उत्पाद खाते हैं। इन्हें शाकाहारी जंतु कहते हैं। कुछ जंतु ऐसे हैं जो दूसरे प्राणियों को खाते हैं, इन प्राणियों को मांसाहारी जंतु कहते हैं। ऐसे जंतुओं जिनका भोजन, पौधे और जंतु, दोनों ही होते हैं, इन्हें तीसरे वर्ग रखा जाता है। इन्हें सर्वाहारी जंतु कहते हैं।
  • बहुत-से लोग ऐसे हैं जिन्हें पर्याप्त भोजन नहीं मिलता। हमें ऐसे उपाय खोजने की आवश्यकता है जिनके द्वारा देश में अधिक खाद्य उत्पादन किया जा सके। यही पर्याप्त नहीं होगा, बल्कि हमें ऐसे उपाय खोजने चाहिए जिनसे यह सुनिश्चित हो कि यह भोजन हममें से प्रत्येक को आसानी से उपलब्ध हो सके।

परीक्षोपयोगी तथ्य

  • भारत के विभिन्न प्रदेशों में खाए जाने वाले भोजन में बहुत अधिक विविधता है।
  • भोजन के मुख्य स्रोत पौधे तथा जंतु हैं।
  • जो जंतु केवल पादप खाते हैं, उन्हें शाकाहारी कहते हैं।
  • जो जंतु केवल जंतुओं को खाते हैं, उन्हें मांसाहारी कहते हैं।
  • जो जंतु पादप तथा दूसरे प्राणी, दोनों को ही खाते हैं, उन्हें सर्वाहारी कहते हैं।

भोजन के घटक

  • भारत के खाद्य पदार्थों में विभिन्न भागों में खाए जाने वाले भिन्न-भिन्न व्यंजनों में एक प्रकार के भोजन में चपाती, दाल और बैंगन का भरता हो सकता है तो दूसरे में चावल, सांबर तथा भिंडी हो सकती है। इसके अतिरिक्त अन्य भोजन में अप्पम, मछली तथा सब्जियाँ हो सकती हैं।
  • आमतौर पर आहार में अन्न से बना कम से कम एक व्यंजन होता है। दूसरे खाद्य पदार्थों में दाल या मांस का कोई व्यंजन तथा सब्जी हो सकती है। इसमें दही, मट्टा तथा अचार भी शामिल हो सकते हैं।
  • कभी-कभी भोजन में वस्तुतः इन सभी व्यंजनों को नहीं ले पाते। यदि हम यात्र में हों तब हम वही खा लेते हैं जो रास्ते में उपलब्ध हो। हममें से कुछ लोगों के लिए यह संभव नहीं हो पाता है कि इस तरह के विविध व्यंजन हर समय खा सकें। आहार में विभिन्न खाद्य पदार्थों के इस तरह के वितरण का कोई न कोई आधार होना चाहिए।

विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में मुख्य पोषक

  • प्रत्येक व्यंजन एक या एक से अधिक प्रकार की कच्ची सामग्री से बना होता है, जो हमें पादपों या जंतुओं से मिलते हैं। कच्ची सामग्री में शरीर के लिए कुछ आवश्यक घटक होते हैं। इन घटकों को पोषक कहते हैं।
  • भोजन में मुख्य पोषककृकार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन तथा खनिज- लवण हैं। इसके अतिरिक्त भोजन में रुक्षांश तथा जल भी शामिल हैं, जिनकी हमारे शरीर को आवश्यकता है। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन तथा वसा के परीक्षण, अन्य पोषकों के परीक्षणें की अपेक्षा सरल हैं।
  • कार्बोहाइड्रेट कई प्रकार के होते हैं। हमारे भोजन में पाए जाने वाले मुख्य कार्बोहाइड्रेट, मंड तथा शर्करा के रूप में होते हैं।

पोषकों के शरीर में कार्य

  • कार्बोहाइड्रेट मुख्य रूप से हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। वसा से भी ऊर्जा मिलती है। वास्तविकता यह है कि कार्बोहाइड्रेट की तुलना में वसा की समान मात्र से हमें अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है। वसा और कार्बोहाइड्रेटयुक्त भोजन को ‘ऊर्जा देने वाला भोजन’ भी कहते हैं।
  • प्रोटीन की आवश्यकता शरीर की वृद्धि तथा स्वस्थ रहने के लिए होती है। प्रोटीनयुक्त भोजन को प्रायः ‘शरीर वर्धक भोजन’ कहते हैं। विटामिन रोगों से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। विटामिन हमारी आँख, अस्थियों, दाँत और मसूडो को स्वस्थ रखने में भी सहायता करते हैं।
  • विटामिन कई प्रकार के होते हैं, जिन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इनमें से कुछ को विटामिन A, विटामिन B, विटामिन C, विटामिन D, विटामिन E तथा विटामिन K के नाम से जाना जाता है।
  • विटामिनों के एक समूह को विटामिन B-कॉम्प्लैक्स कहते हैं। हमारे शरीर को सभी प्रकार के विटामिनों की अल्प मात्र में आवश्यकता होती है। विटामिन A हमारी त्वचा तथा आँखों को स्वस्थ रखता है। विटामिन C बहुत-से रोगों से लड़ने में हमारी मदद करता है। विटामिन D हमारी अस्थियों और दाँतों के लिए कैल्सियम का उपयोग करने में हमारे शरीर की सहायता करता है।
  • हमारे शरीर को खनिज लवणों की आवश्यकता अल्प मात्र में होती है। शरीर के उचित विकास तथा अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रत्येक खनिज लवण आवश्यक हैं। अधिकांश खाद्य पदार्थों में एक से अधिक पोषक होते हैं।
  • किसी कच्ची सामग्री में एक निश्चित पोषक की मात्र दूसरे पोषकों की मात्र से अधिक हो सकती है। उदाहरणतः चावल में कार्बोहाइड्रेट की मात्र दूसरे पोषकों से अधिक होती है। इस आधार पर हम यह कह सकते हैं कि चावल कार्बोहाइड्रेट समृद्ध भोजन है।
  • इन पोषकों के अलावा हमारे शरीर को आहारी रेशों तथा जल की भी आवश्यकता होती है। आहारी रेशे रुक्षांश के नाम से भी जाने जाते हैं। हमारे खाने में रुक्षांश की पूर्ति मुख्यतः पादप उत्पादों से होती है।
  • रुक्षांश के मुख्य स्रोत साबुत खाद्यान्न, दाल, आलू, ताजे फल और सब्जियाँ हैं। रुक्षांश हमारे शरीर को कोई पोषक प्रदान नहीं करते हैं, फिर भी यह हमारे भोजन का आवश्यक अवयव है और इसका आयतन बढ़ा देते हैं। रुक्षांश बिना पचे भोजन को बाहर निकालने में हमारे शरीर की सहायता करता है।
  • जल भोजन में उपस्थित पोषकों को अवशोषित करने में हमारे शरीर की सहायता करता है। यह कुछ अपशिष्ट-पदार्थों, जैसे कि मूत्र तथा पसीने को शरीर से बाहर निकालने में सहायता करता है।
  • सामान्यतः शरीर को जितने जल की आवश्यकता होती है, वह उन वस्तुओं से प्राप्त होता है जिन्हें द्रव रूप में लेते हैं, जैसे कि जल, दूध और चाय आदि।
  • इसके अतिरिक्त जो भी भोजन पकाते हैं उसमें भी पानी का प्रयोग किया जाता है। कई खाद्य पदार्थों में जल होता है। कुछ सीमा तक शरीर के लिए आवश्यक जल की पूर्ति इसी जल से हो जाती है।

संतुलित आहार

  • सामान्यतः पूरे दिन में जो कुछ भी खाते हैं, उसे आहार कहते हैं। शरीर की वृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आहार में वे सभी पोषक, उचित मात्र में होने चाहिए जिनकी हमारे शरीर को आवश्यकता है। कोई भी पोषक न अत्यधिक हो और न बहुत कम। आहार में पर्याप्त मात्र में रुक्षांश तथा जल भी होना चाहिए। इस प्रकार के आहार को संतुलित आहार कहते हैं।
  • दालें, मूँगफली, सोयाबीन, अंकुरित बीज (मूँग व चना), किण्वित भोजन (दक्षिण भारतीय भोजन जैसे, इडली), आटे का मिश्रण (मिस्सी रोटी, थेपला-अनाज व दालों से बना) केला, पालक, सत्तू, गुड़, उपलब्ध सब्जियाँ तथा इसी प्रकार के अन्य भोजन, कई पोषक उपलब्ध कराते हैं। इसलिए कोई व्यक्ति अल्प व्यय में भी संतुलित आहार खा सकता है।
  • उचित प्रकार का भोजन करना ही पर्याप्त नहीं है। इसे उचित तरीके से पकाना भी चाहिए ताकि इसके पोषक तत्त्व नष्ट न हों। छिलका उतार कर यदि सब्जियों और फलों को धोया जाता है तो यह संभव है कि उनके कुछ विटामिन नष्ट हो जाएँ। सब्जियों और फलों की त्वचा में कई महत्वपूर्ण विटामिन तथा खनिज-लवण होते हैं। चावल और दालों को बार-बार धोने से उनमें उपस्थित विटामिन और कुछ खनिज-लवण अलग हो सकते हैं।
  • पकाने से भोजन का स्वाद बढ़ता है तथा इसे पचाने में आसानी होती है। इसके साथ-साथ पकाने में कुछ पोषक तत्त्वों की हानि भी हो सकती है।
  • यदि भोजन पकाने में अत्यधिक जल का उपयोग किया जाता है और बाद में उसे फेंक दिया जाता है तो कई लाभदायक प्रोटीन तथा खनिज-लवणों की हानि हो जाती है। पकाने में विटामिन ब् आसानी से गर्मी से नष्ट हो जाता है।

विटामिन/खनिज अभावजन्य रोग/विकार लक्षण

विटामिन A क्षीणता दृष्टिहीनता कमज़ोर दृष्टि, अंधेरे (रात) में कम दिखाई देना, कभी-कभी पूरी तरह से दिखाई देना बंद हो जाना
विटामिन B 1 बेरी-बेरी दुर्बल पेशियाँ और काम करने की ऊर्जा में कमी
विटामिन C स्कर्वी मसूढ़ों से खून निकलना, घाव भरने में अधिक समय का लगना
विटामिन D रिकेट्स अस्थियों का मुलायम होकर मुड़ जाना
कैल्सियम अस्थियाँ और दंतक्षय कमजोर अस्थियाँ, दंतक्षय
आयोडीन घैंघा (गॉयटर) गर्दन की ग्रंथि का फूल जाना, बच्चों में मानसिक विकलांगता लोह अरक्तता कमजोरी

अभावजन्य रोग

  • एक व्यक्ति खाने के लिए पर्याप्त भोजन पा रहा है, लेकिन कभी-कभी उसके भोजन में किसी विशेष पोषक की कमी हो जाती है। यदि यह कमी लंबी अवधि तक रहती है तो वह व्यक्ति उसके अभाव से ग्रसित हो सकता है।
  • एक या अधिक पोषक तत्त्वों का अभाव हमारे शरीर में रोग अथवा विकृतियाँ उत्पन्न कर सकता है। वे रोग जो लंबी अवधि तक पोषकों के अभाव के कारण होते हैं, उन्हें अभावजन्य रोग कहते हैं।
  • यदि कोई व्यक्ति अपने भोजन में पर्याप्त प्रोटीन नहीं ले रहा है तो उसे कुछ रोग हो सकते हैं जैसे वृद्धि का अवरुद्ध होना, चेहरे पर सूजन, बालों के रंग का उड़ना, त्वचा की बीमारियाँ और पेचिश आदि।
  • यदि प्रोटीन तथा कार्बोहाइड्रेट दोनों ही किसी व्यक्ति के आहार से एक लंबे समय तक अनुपस्थित रहें तो उसकी वृद्धि पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाएगी। ऐसा व्यक्ति बहुत दुबला-पतला हो जाएगा। वह इतना दुर्बल हो जाएगा कि चलने में भी असमर्थ होगा।
  • विभिन्न विटामिनों और खनिज लवणों के अभाव से विभिन्न रोग अथवा विकृतियाँ हो सकती हैं। सभी अभावजन्य रोगों की रोकथाम संतुलित आहार लेने से की जा सकती है।

परीक्षोपयोगी तथ्य

  • हमारे भोजन के मुख्य पोषक तत्त्वों के नाम कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन तथा खनिज-लवण हैं। इनके अतिरिक्त भोजन में आहारी रेशे तथा जल भी होता है।
  • कार्बोहाइड्रेट तथा वसा हमारे शरीर को मुख्य रूप से ऊर्जा प्रदान करते हैं।
  • प्रोटीन तथा खनिज-लवण की आवश्यकता हमारे शरीर की वृद्धि तथा अनुरक्षण के लिए होती है।
  • विटामिन हमारे शरीर को रोगों से रक्षा करने में सहायता करते हैं।
  • संतुलित आहार में हमारे शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्त्वों तथा पर्याप्त रुक्षांश और जल उचित मात्र में उपस्थित रहते हैं।
  • हमारे आहार में लंबी अवधि तक एक अथवा अधिक पोषक तत्त्वों की न्यूनता से विशिष्ट रोग अथवा विकार उत्पन्न हो सकते हैं।

अभ्यास प्रश्न

Q.1

निम्नलिखित में से कौन सर्वाहारी की श्रेणी में आता है?

  1. शाकाहारी
  2. मांसाहारी
  3. जिनमें एक साथ (a) तथा (b) दोनों गुण हों
  4. इनमें से कोई नहीं।
Q.2

मधुमखियो के फूलों से मकरंद एकत्र करने से संबंधित कथनों पर विचार कीजिए-

  1. फूल और उनका मकरंद, वर्ष के केवल कुछ समय में ही उपलब्ध होते हैं।
  2. मधुमक्खियाँ इस मकरंद का भंडारण कर लेती हैं ताकि पूरे वर्ष इसका उपयोग किया जा सके।
  3. ऐसे छत्तों में मधुमक्खियों द्वारा भंडारित भोजन का शहद के रूप में उपयोग करते हैं।

उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 1 और 3
  3. केवल 2 और 3
  4. 1, 2 और 3
Q.3

निम्नलिखित में से कौन-सा/से भोजन के पोषक तत्त्वों में सम्मिलित है/हैं?

  1. खनिज-लवण
  2. आहारी रेशे (रुक्षांश)
  3. विटामिन

नीचे दिये गए कूट में से सही उत्तर चुनियेः

  1. केवल 1
  2. केवल 1 और 3
  3. केवल 2 और 3
  4. 1, 2 और 3
Q.4

नीचे दो कथन दिए गए हैं जिसमें एक को कथन (A) तथा दूसरे को कारण (R) कहा गया है।

  • कथन (A): कार्बोहाइड्रेट तथा वसा हमारे शरीर को मुख्य रूप से ऊर्जा प्रदान करते हैं।
  • कारण (R): प्रोटीन तथा खनिज-लवण की आवश्यकता हमारे शरीर की वृद्धि तथा अनुरक्षण के लिए होती है।

कूट:

  1. A और R दोनों सही है तथा A, R की सही व्याख्या है।
  2. A और R दोनों सही है तथा A, R की सही व्याख्या नहीं है।
  3. A सही है, किन्तु R गलत है।
  4. A गलत है, किन्तु R सही है।
Q.5

कार्बोहाईड्रेट के विभिन्न प्रकारों के संदर्भ में निम्नलिखित पर विचार कीजिये-

  1. अमीनो अम्ल
  2. मंड (STARCH)
  3. शर्करा

उपरोक्त में से कौन-सा/से कार्बोहाईड्रेट का प्रकार नहीं है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 1 और 3
  3. केवल 2 और 3
  4. 1, 2 और 3
Q.6

वसा के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः

  1. वसा की तुलना में कार्बोहाईड्रेट की समान मात्र में हमें अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
  2. भोजन में वसा की मात्र अत्यधिक मोटापे का कारण बनती है।
  3. वसा शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है।

उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 1 और 3
  3. केवल 2 और 3
  4. 1, 2 और 3
Q.7

जल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः

  1. कुछ सीमा तक शरीर के लिये आवश्यक जल की पूर्ति खाद्य पदार्थों में उपस्थित जल से हो जाती है।
  2. जल भोजन में उपस्थित पोषकों को अवशोषित करने और मूत्र तथा पसीने के रूप में अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में सहायता करता है।

उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. केवल 1 और 2
  4. न तो 1 ना ही 2
Q.8

सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये और सूचियों के नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेः

सूची-I (विटामिन)

  1. विटामिन A
  2. विटामिन A1
  3. विटामिन C
  4. विटामिन D

सूची-II (हीनता रोग)

  1. बेरी-बेरी
  2. रिकेट्स
  3. दृष्टिहीनता
  4. स्कर्वी

कूटः

A B C D
A. 3 1 4 2
B. 3 1 2 4
C. 1 3 4 2
D. 3 2 1 4
Q.9

विटामिन की कमी से संबंधित कथनों पर विचार कीजिए-

  1. विटामिन A की कमी से पेशियाँ दुर्बल और काम करने की ऊर्जा में कमी हो जाती है।
  2. विटामिन B 1 की कमी से दृष्टि कमज़ोर, अंधेरे में कम दिखाई देना, कभी-कभी पूरी तरह से दिखाई देना बंद हो जाता है।

उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. केवल 1 और 2
  4. न तो 1 ना ही 2
Q.10

निम्नलिखिति युग्मों पर विचार कीजियेः

खनिज अभावजन्य रोग

  1. कैल्शियम - अस्थिक्षय
  2. आयोडीन - घेंघा (गॉयटर)
  3. लौह - दन्त क्षय

उपरोक्त युग्मों में से कौन-सा/से युग्म सुमेलित है/हैं?

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2
  3. केवल 1, 2 और 3
  4. उपरोक्त में कोई नहीं
Q.11

मानव शरीर में धीमी वृद्धि निम्नलििऽत में से किस कमी के कारण होती है?

  1. विटामिन
  2. प्रोटीन
  3. वसा
  4. उपरोक्त में से कोई नहीं।
Q.12

नीचे दो कथन दिए गए हैं जिसमें एक को कथन (A) तथा दूसरे को कारण (R) कहा गया है।

  • कथन (A): सभी अभावजन्य रोगों की रोकथाम संतुलित आहार लेने से की जा सकती है।
  • कारण (R): विटामिनों और खनिज लवणों के अभाव से विभिन्न रोग अथवा विकृतियाँ हो सकती हैं।

कूट:

  1. A और R दोनों सही है तथा A, R की सही व्याख्या है।
  2. A और R दोनों सही है तथा A, R की सही व्याख्या नहीं है।
  3. C सही है, किन्तु R गलत है।
  4. A गलत है, किन्तु R सही है।

उत्तर

  1. C
  2. B
  3. A
  4. B
  5. A
  6. C
  7. C
  8. A
  9. D
  10. A
  11. B
  12. A