UPSC

UPSC Syllabus


प्रीलिम्स परीक्षा यूपीएससी भर्ती 2021 का पहला चरण है। परीक्षा प्रकृति में वस्तुनिष्ठ प्रकार का होता है। प्रीलिम्स में दो पेपर होते हैं - जनरल स्टडीज पेपर 1 और जनरल स्टडीज पेपर 2. इसके अलावा, यूपीएससी आईएएस प्रीलिम्स सिलेबस को पूरा जानना महत्वपूर्ण है।

यूपीएससी आईएएस सिलेबस 2021 जीएस पेपर 1

  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व से संबंधित वर्तमान घटनाएं।
  • जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण पारिस्थितिकी विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन, सौर आविष्कार, हरित ऊर्जा आदि जैसे सामान्य मुद्दे।
  • आर्थिक और सामाजिक विकास विशेष रूप से सतत विकास, गरीबी, समावेश, सरकारी योजनाएं, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र की पहल आदि।
  • सामान्य विज्ञान।
  • भारतीय राजनीति और शासन - राजनीतिक प्रणाली, संविधान, लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा, राज्यपाल और राष्ट्रपति के शक्तियां, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, मौलिक अधिकार के मुद्दे, राज्य सरकार के निदेशक सिद्धांत।
  • भारतीय और विश्व भूगोल - भारत और विश्व का सामाजिक, भौतिक, आर्थिक भूगोल।

यूपीएससी आईएएस सिलेबस 2021 जीएस पेपर 2 (सीएसएटी)

  • जीएस पेपर 2 सीएसएटी पर आधारित है। प्रश्न निम्नलिखित विषयों पर आधारित होंगे -
  • संचार कौशल सहित पारस्परिक कौशल (Interpersonal skills including communication skills)
  • कॉम्प्रिहेंशन (Comprehension)
  • तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता (Logical reasoning and analytical ability)
  • निर्णय लेना और समस्या-समाधान (Decision making and problem-solving)
  • सामान्य मानसिक क्षमता पर प्रश्न (Questions on General mental ability)
  • गणितीय संख्या (परिमाण का क्रम, संख्या और उनके संबंध, आदि) (कक्षा 10 वीं स्तर) (Basic numeracy (orders of magnitude, numbers and their relations, etc.) (Class 10th level))
  • डेटा इंटरप्रिटेशन (रेखांकन, चार्ट, आंकड़ों की पर्याप्तता, टेबल आदि) - कक्षा 10 वीं स्तर (Data interpretation (graphs, charts, data sufficiency, tables etc. — Class 10th level)

आईएएस मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम (UPSC, IAS Civil Services (Mains) Exam Syllabus)

क्वालिफाइंग पेपर्स (Qualifying Papers):

भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी (Indian Languages and English)

प्रश्नपत्र- ‘क’

हिंदी या संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कोई भाषा

  • भारतीय भाषाओं में से एक भाषा, जो संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल है, उसे पेपर–‘क’  के लिये उम्मीदवार द्वारा चयनित किया जाता है।
  • यह प्रश्नपत्र अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड और सिक्किम के रहने वाले उम्मीदवारों के लिये अनिवार्य नहीं होगा। 
  • इस पेपर का पूर्णांक 300 है जिसमें क्वालीफाइंग अंक 75 (25%) निर्धारित किया गया है|
  • प्रश्नों का पैटर्न मोटे तौर पर निम्नानुसार होगा-
    1. बोधगम्यता (Comprehension of given passages)
    2. संक्षिप्त लेखन (Précis Writing) 
    3. शब्द प्रयोग व शब्द भण्डार (Usage and Vocabulary)
    4. लघु निबंध (Short Essay)
    5. अंग्रेजी से भारतीय भाषा तथा भारतीय भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद (Translation from English to the Indian language and vice‐versa)

प्रश्नपत्र-‘ख’

अंग्रेज़ी भाषा

  • इस पेपर का पूर्णांक 300 है जिसमें क्वालीफाइंग अंक 75 (25%) निर्धारित किया गया है|
  • प्रश्नों का पैटर्न मोटे तौर पर निम्नानुसार होगा-
    1. Comprehension of given passages (बोधगम्यता)
    2. Précis Writing (संक्षिप्त लेखन)
    3. Usage and Vocabulary (शब्द प्रयोग व शब्द भण्डार)
    4. Short Essay (लघु निबंध)

नोट:

  • भारतीय भाषाओं और अंग्रेज़ी के प्रश्नपत्र (प्रश्नपत्र ‘क’ एवं प्रश्नपत्र ‘ख’) मैट्रिकुलेशन अथवा समकक्ष स्तर के होंगे जिनमें केवल अर्हता प्राप्त करनी होगी| इन प्रश्नपत्रों में प्राप्त अंकों को योग्यता क्रम निर्धारित करने में नहीं गिना जायेगा|
  • उम्मीदवारों को क्वालिफाइंग अंग्रेज़ी एवं एक भारतीय भाषा के प्रश्नपत्रों का उत्तर क्रमशः अंग्रेज़ी एवं संबंधित भारतीय भाषा में ही लिखना होता है (यदि किसी प्रश्न विशेष में अन्यथा निर्दिष्ट न हो)।
  • सभी उम्मीदवारों के निबंध, सामान्य अध्ययन तथा वैकल्पिक विषय के प्रश्नपत्रों का मूल्यांकन ‘भारतीय भाषा’ तथा अंग्रेज़ी के उन अर्हक प्रश्नपत्र के साथ ही किया जायेगा परंतु, निबंध, सामान्य अध्ययन तथा वैकल्पिक विषय के प्रश्नपत्रों पर केवल ऐसे उम्मीदवार के मामले में विचार किया जायेगा, जो इन अर्हक प्रश्नपत्रों में न्यूनतम अर्हता मानकों के रुप में भारतीय भाषा में 25% तथा अंग्रेज़ी में 25% अंक प्राप्त करते हैं|

प्रश्न पत्र - I : निबंध (Paper - I : Essay)

  • उम्मीदवार को एक विनिर्दिष्ट विषय पर निबंध लिखना होगा| विषयों के विकल्प दिये जायेंगे| उनसे आशा की जाती है कि अपने विचारों को निबंध के विषय के निकट रखते हुए क्रमबद्ध करें तथा संक्षेप में लिखें| प्रभावशाली एवं सटीक अभिव्यक्तियों के लिये श्रेय दिया जायेगा|

नोट: निबंध का प्रश्नपत्र मुख्यत: दो भागों (मूर्त एवं अमूर्त रूप) में विभाजित रहता है। प्रत्येक भाग में दिये गए 4 विकल्पों में से एक-एक विकल्प का चयन करते हुए कुल दो निबंध (प्रत्येक 125 अंक) लिखने होते हैं। प्रत्येक निबंध के लिये निर्धारित शब्द सीमा लगभग 1000-1200 होती है।

पेपर - II: सामान्य अध्ययन- I: भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज ) (Paper - II : General Studies-I : Indian Heritage and Culture, History and Geography of the World and Society)

  • भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलु शामिल होंगे।
  • महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसँख्या एवं सम्बद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण उनकी समस्याएं और उनके रक्षोपाय।
  • भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव।
  • 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास - महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व, विषय।
  • भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएं, भारत की विविधता।
  • स्वतंत्रता संग्राम - इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान।
  • 18 वीं शताब्दी की घटनाओं सहित दुनिया का इतिहास - औद्योगिक क्रांति, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनर्वितरण, विश्व युद्ध, उपनिवेशीकरण, विघटन, पूंजीवाद, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, समाजवाद आदि - समाज पर उनके रूप और प्रभाव।
  • स्वतंत्रता के पश्चात देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन।
  • सामाजिक सशक्तिकरण, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धर्म-निरपेक्षता।
  • विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएं।
  • विश्व भर में प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण
  • भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी हलचल, चक्रवाक आदि जैसी महत्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, भूगोलीय विशेस्ताएं और उनके स्थान-अति महत्वपूर्ण भूगोलीय विशेषताओं (जल-स्रोत और हिमवारन सहित) और वनस्पति एवं प्राणी-जगत परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव।
  • दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक क्षेत्र के स्थान के लिए जिम्मेदार कारक।
  • दुनिया के विभिन्न हिस्सों (भारत सहित) में उद्योग।

पेपर - III: सामान्य अध्ययन- II: शासन व्यवस्था, संविधान शासन-प्रणाली, सामाजिक न्याय और अंतर्राष्ट्रीय संबंध (Paper - III : General Studies - II : Governance, Constitution, Polity, Social Justice and International Relations)

  • भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, संविधान की विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
  • भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना।
  • संसद और राज्य विधायिका - संरचना, कार्य, कार्य संरचना, शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय।
  • कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य - सरकार के मंत्रालय एवं विभाग; प्रभावक समूह और औपचारिक / अनौपचारिक संघ और शासन प्रणाली में उनकी भूमिका।
  • संघ एवं राज्यों के कार्य और उत्तरदायित्व, संघीय ढांचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियां, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।
  • विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियां, कार्य और उत्तरदायित्व।
  • जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की प्रमुख विशेषताएं।
  • विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग - गैर सरकारीसंगठनो, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों संघो, दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका।
  • केंद्र और राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन, इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।
  • स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र / सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
  • सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय।
  • सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
  • गरीबी और भूख से संबंधित विषय।
  • शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग मॉडल, सफलताएं, सीमाएं और संभावनाएं; नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय।
  • लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।
  • भारत एवं उसके पड़ोसी-संबंध।
  • द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
  • भारत के हितों, भारतीय परिदृश्य पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियां तथा राजनीति का प्रभाव।
  • महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच - उनकी संरचना, अधिदेश।

पेपर - IV: सामान्य अध्ययन- III: प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन (Paper - IV : General Studies - III : Technology, Economic Development, Bio diversity, Environment, Security and Disaster Management)

  • भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोजगार से संबंधित विषय।
  • समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय।
  • सरकारी बजट।
  • प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायत तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक और खाद्य सुरक्षा के संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन; पशु- पालन संबंधी अर्थशास्त्र।
  • भारत में खाद्य प्रसंस्करण और संबंधित उद्योग- गुंजाइश और महत्व, स्थान, अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम आवश्यकताओं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
  • मुख्य फसलें - देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न, - सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली- कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएं: किसानों की सहायता के लिए ई-प्रौद्योगिकी।
  • उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औदयोगिक विकास पर इनका प्रभाव।
  • भारत में भूमि सुधार।
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोजमर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।
  • बुनियादी ढांचा: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।
  • निवेश मॉडल।
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; देशज रूप से का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
  • सुचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टेक्नोलॉजी, बायो-टेक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के क्षेत्र में जागरूकता।
  • आपदा और आपदा प्रबंधन।
  • संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।
  • विकास और फैलते उग्रवाद के बिच संबंध।
  • संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना।
  • आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्वों की भूमिका।
  • सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन - संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध।
  • विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएं तथा उनके अधिदेश।

पेपर - V: सामान्य अध्ययन- IV: नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि (Paper - V : General Studies - IV : Ethics, Integrity and Aptitude)

  • पेपर 5 सामान्य अध्ययन 4 है, यूपीएससी आईएएस पाठ्यक्रम 2021 (UPSC IAS Syllabus 2021) के अनुसार प्रश्न नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि हैं।
  • नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंध: मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्व, इसके निर्धारक और परिणाम; नीतिशास्त्र के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र। मानवीय मूल्य - महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा; मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका।
  • मानव मूल्य - महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन और शिक्षाओं से सबक; मूल्यों को विकसित करने में परिवार समाज और शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका।
  • सिविल सेवा के लिए अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य, सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षता सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना।
  • अभिवृत्ति: सारांश (कंटेन्ट) संरचना, वृत्ति, विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध; नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि; सामाजिक प्रभाव और धारणा।
  • सरकार एक ऐसे कार्यबल का प्रयास करती है जो लिंग संतुलन को दर्शाता है और महिला उम्मीदवारों को आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। भावनात्मक खुफिया-अवधारणाएं, और प्रशासन और शासन में उनकी उपयोगिताओं और अनुप्रयोग।
  • लोक प्रशासनों में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्र: स्थिति तथा समस्याएं; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएं; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का शुद्धिकरण; अंतरराष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉर्पोरेट शासन व्यवस्था ।
  • भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों और दार्शनिकों के योगदान।
  • शासन व्यवस्था में ईमानदारी: लोक सेवा की अवधारणा; शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, शासन और आवश्यकता के दार्शनिक आधार, नीतिपरक, आचार संहिता, सूचना का अधिकार, आचरण संहिता, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ।
  • उपयुर्क्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडी)।